छात्र छात्राओं के उत्पीड़न मामले के दूसरी जांच में भी अध्यापिका पाई गई दोषी
छात्र-छात्राओं के उत्पीड़न के मामले में अध्यापिका दूसरी जांच में भी पाई गई दोषी जांच रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेज दी गई है। मुख्य शिक्षा अधिकारी का ये भी कहना है कि बाल संरक्षण आयोग के पत्र पर मामले में तीसरी जांच भी की जाएगी।
मामला राजकीय प्राथमिक विद्यालय भेल सेक्टर-01 हरिद्वार में तैनात सहायक अध्यापिका सुनीता रानी की ओर से छात्र-छात्राओं का उत्पीड़न करने का है। आरोप यह है कि उनकी ओर से छात्र-छात्राओं को हाथ ऊपर कराकर पीटा गया। और इसकी शिकायत बाल संरक्षण आयोग में भी की गई थी। पहली जांच में सुनीता रानी पर आरोप सही पाए गए थे। और इससे उनका ट्रांसफर शहर से दूरस्थ टांटवाला गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कर दिया गया था, लेकिन उनकी ओर से दोबारा जांच करने की मांग मुख्य शिक्षा अधिकारी से की गई थी।
मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने उप खंड शिक्षा अधिकारी बहादराबाद दीप्ति यादव को जांच अधिकारी नामित किया था। जांच होने तक ट्रांसफर भी रोक दिया गया था। उन्हें उप खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय अटैच भी कर दिया गया था। अब उप खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से की गई जांच में भी शिकायत सही पाई गई है। इसमें कहा गया है कि सहायक अध्यापिका की ओर से बाल अधिकारों का हनन भी किया गया। स्कूल से किया गया ट्रांसफर भी सही है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि पिछले कई दिनों बाल संरक्षण आयोग की टीम स्कूल में भी गई थी। इसमें आयोग की ओर से पत्र भेजकर बिंदुवार जांच करने के आदेश दिए हैं। इसलिए, मामले में तीसरी जांच की जाएगी। शिक्षिका सुनीता रानी का कहना है कि जांच की कॉपी नहीं मिली है। इससे वह कुछ नहीं कह सकती हैं।